100 दिन में खर्च हुए 308 करोड़ रुपए, किसानों की जेब पर पड़ रहा भारी लेकिन हौसला टूटा नहीं

  • कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन के सौ दिन पूरे हो चुके हैं, किसान महापंचायत और रैलियों का दौर आरंभ हैं तो सरकार से वार्ता का दौर बंद है। 
  • इस बीच अगर किसान आंदोलन का खर्च देखें, तो अभी तक वह 308 करोड़ के पार जा चुका है, इसमें ट्रैक्टर परेड, महापंचायतों का खर्च भी जोड़ा गया है। 
  • संयुक्त किसान मोर्चे के वरिष्ठ सदस्य हन्नान मोल्लाह के अनुसार, हर किसान अपने हिस्से का चंदा देता है, कई संगठन भी किसानों की मदद के लिए आगे आए हैं।
  • तीनो धरना स्थलों पर रोजाना लगभग तीस हजार किसान जुट रहे हैं, एक किसान के खाने-पीने पर न्यूनतम सौ रु. प्रतिदिन खर्च हो रहा है, एक महापंचायत में पांच लाख रु. खर्च हो जाते हैं। 
  • मोल्लाह ने कहा कि अपने जीवन की लड़ाई लड़ रहे किसानों का हौसला कहीं से भी कम नहीं हुआ है, हर किसान अपने हिस्से का चंदा दे रहा, केंद्र सरकार अभी अहंकार में है लेकिन जल्द समझ जाएगी। 
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