धर्मगुरू ने आयशा की मौत के बाद उठाई आवाज, कहा- दहेज लोभी अब भी ले रहे कितनों की जान
भारत में अनेक प्रथाएं प्रचलित हैं. पहले बेटी को शादी में उपहारस्वरूप कुछ दिया जाता था परन्तू दहेज प्रथा एक बुराई का रूप धारण करती जा रही है.
दहेज की प्रताड़ना से तंग आकर जान देने वाली गुजरात की 23 साल की आयशा ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. आयशा के पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
इसी बीच लखनऊ में मुस्लिम धर्मगुरू मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने अपने संबोधन में मुस्लिम समाज से दहेेज के खिलाफ आवाज़ उठाने की अपील की है.
एनसीआरबी की आंकड़े बताते है कि भारत में महिलाओं की जान जाने की सबसे बड़ी वजह आज भी दहेज है. तमाम कानून भी महिलाओं को बचाने में नाकाम हैं.
आंकड़े के अनुसार हर साल जान से मारे जाने वाली महिलाओं में करीब 40 से 50 फीसदी मामले दहेज से जुड़े होते हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने भी पूरी दुनिया की महिलाओं के लिए घर को सबसे खतरनाक जगह बताया है.