किसान आंदोलन पर SC का फैसला असंवैधानिक! किसानों व कोर्ट के तरीके से असहमत- सुरेश चव्हाणके
48 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, SC ने कहा है कि जमीनी हकीकत जानने के लिए समिति का गठन जरूरी है, साथ ही अगले आदेश तक तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाई गई है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर वरिष्ठ पत्रकार सुरेश चव्हाणके से अपत्ति जताई है, और कोर्ट के इस फैसले को असंवैधानिक करार दिया है!
दरअसल उन्होंने ट्वीट करके लिखा कि कृषि कानून पर किसी को भी आपत्ति करने का संवैधानिक अधिकार है, पर सीमा लांघ रहे असंवैधानिक आंदोलन के लिए कोर्ट के आदेश ने भी सीमा लांघ कर असंवैधानिक कार्य तो नही किया?
आगे उन्होंने कहा कि मैं किसान हू और किसानों के साथ हूं पर किसानों व कोर्ट के तरीके से असहमत हूं यह मेरा अधिकार है!
लगातार अपने शो बिंदास बोल के द्वारा नफरत और सम्परदायिंक दंगों को बढ़ावा देने वाले! जामिया को बेनकाब करने वाले वरिष्ठ पत्रकार का इतना तो हक तो बनता है कि वह कृषि कानून को खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के तरीके को असंवैधानिक बता सकें!