‘UPSC जिहाद’ की सच्चाई से हम बेहद दूर, झूठ फैलाने वालों पर आंकड़ें हैं तमाचा

  • सुदर्शन टीवी के बिंदास बोल कार्यक्रम का प्रोमो काफी वायरल हुआ था जिसमें ‘सरकारी सेवाओं में मुस्लिमों की घुसपैठ की साजिश’ का दावा किया गया था।
  • यदि बीते वर्षों के सरकारी सेवाओं (UPSC) के परिणामों पर नजर डाली जाए तो यह दावा बिलकुल गलत साबित होता है।
  • साल 2019 के लिए केवल 42 मुस्लिम छात्र ही सिविल सेवा परीक्षा में सफल हुए थे जो कुल 829 सफल उम्मीदवार का लगभग 5 प्रतिशत होगा। 
  • वहीं, टॉप 100 में केवल एक मुस्लिम उम्मीदवार था, वहीं साल 2012, 2013, 2014 और 2015 में सफल मुस्लिम उम्मीदवारों के आंकड़े क्रमशः 30, 34, 38 और 36 हैं।
  • उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (2018-19) के अनुसार, मुस्लिम छात्र इस श्रेणी में केवल 5.2% हैं, यह आंकड़ा ST (5.5%) और SC (14.9%) से काफी कम है। 
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