राज्यपाल को पत्र लिखकर कमलनाथ ने विधायकों को लाने की रखी मांग, आरोपों को लेकर जताया खेद
राज्यपाल द्वारा भेजे गए पत्र का जवाब कमलनाथ ने पत्र लिख कर दिया और कहा कि पिछले 40 सालों में उन्होंने कभी भी संसदीय मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं किया है.
फ्लोर टेस्ट नहीं होने पर राज्यपाल ने कमलनाथ को चिट्ठी भेजी थी और उसमें लिखा था कि कमलनाथ द्वारा भेजे गए पत्र की भाषा संसदीय मर्यादाओं के अनुकूल नहीं है.
सीएम ने इस पत्र के जवाब में लिखा कि वो राज्यपाल के आरोपों से दुखी हैं, लेकिन यदि राज्यपाल को फिर भी लगता है तो इस बात को लेकर वो खेद व्यक्त करते हैं.
विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने की सफाई पेश करते हुए लिखा कि WHO ने इसे महामारी घोषित कर दिया है और भारत सरकार ने भी एडवाइजरी जारी की है.
फ्लोर टेस्ट को लेकर सीएम ने लिखा कि उन्होंने पिछले 15 महीनों में कई बार बहुमत साबित किया और यदि भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो अब भी बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं.