अनुच्छेद 370 पर राममनोहर लोहिया का नाम लेकर देश को गुमराह कर रहें हैं अमित शाह

 
  • जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद से आरएसएस और भाजपा द्वारा संसद से सड़क तक एक दुष्प्रचार चलाया जा रहा है. इसमें ये साबित करने की कोशिश की जा रही है कि प्रख्यात समाजवादी नेता डॉ राममनोहर लोहिया और मधु लिमये कश्मीर से अनुच्छेद हटाने के समर्थन में थे.
  • बीते ५ अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के दोनों सदनों में अनुच्छेद 370 हटाए जाने का प्रस्ताव रखते हुए एक बयान में बताया कि राममनोहर लोहिया और मधु लिमये कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले प्रवाधान के खिलाफ थे.
  • मालूम हो कि अमित शाह अनुच्छेद 370 की प्रस्तावना को लेकर लोकसभा में हुई जिस बहस का हवाला दे रहे थे वो एक निर्दलीय सासंद प्रकाशवीर शास्त्री द्वारा अनुच्छेद 370 को खत्म करने के लिए लाए गए एक निजी संशोधन विधेयक पर हुई थी. इस बहस में राममनोहर लोहिया ने अपने 15 मिनट के भाषण में एक बार भी अनुच्छेद 370 का जिक्र नहीं किया था. वहीं मधु लिमये तो इस बहस में भाग भी नहीं लिया था.
  • समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया भारत-पाकिस्तान की एकता के हिमायती थे. उनके अनुसार 1947 में दोनों देशों के बीच हुआ बंटवारा अप्राकृतिक था. और उन्होंने यह उम्मीद भी जताई थी कि आने वाले 10-15 सालों में दोनों देश जरूऱ एक हो सकते हैं.
  • मजेदार बात है कि 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद जब जम्मू कश्मीर की स्थिति पर चर्चा हुई तो तत्कालिन विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने ये आश्वासन दिया था कि नई सरकार(जनता पार्टी) इस अनुच्छेद पर कोई एकतरफा परिवर्तन नहीं करेगी.