'जम्मू-कश्मीर में पाबंदियां खत्म होने दीजिए तब असलियत का पता चलेगा'

नेशनल कांफ्रेंस के सांसद अकबर अहमद लोन ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के कदम को असांविधानिक तथा विश्वासघाती करार देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में केंद्र को अहसास होगा कि उन्होंने यह कदम क्यों उठाया।उन्होंने कहा कि घाटी के हालात बिल्कुल भी सामान्य नहीं हैं। अब जम्मू और लद्दाख से भी आवाजें उठने लगी हैं। पाबंदियां हटने के बाद ही असलियत का पता चलेगा। कहा कि जिस प्रकार अनुच्छेद 370 को हटाया गया वह बिल्कुल गलत है। इसका हम जितना विरोध करें वह कम है। इस वक्त आवाम घरों में कैद है, बाजार बंद है, पाबंदियां हैं। केंद्र सरकार द्वारा क्षेत्रीय दलों पर लोगों को भड़काने के सवाल पर लोन ने कहा कि यह आरोप बिल्कुल गलत है। हम तो केवल अपनी तरह से राजनीति कर रहे हैं। हम देश के खिलाफ कुछ नहीं बोलते। लेकिन 370 को हटाकर हमारे जख्मों को कुरेदा गया है इसका अहसास उन्हें (केंद्र को) बाद में होगा।

यह पूछे जाने पर कि केंद्र का कहना है कि हालात काबू में हैं उन्होंने कहा पाबंदियां खत्म होने दीजिए आपको हकीकत का पता चल जाएगा। राजनेताओं को नजरबंद किए जाने को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि तीन पूर्व मुख्यमंत्री नजर बंद हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है। इसकी चारों तरफ निंदा हो रही है।
यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने पर सरकार का होम वर्क शुरू

उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग केंद्र के इस कदम के बारे में चिंतित हैं क्योंकि उन्होंने न केवल अपनी विशेष दर्जा खो दिया बल्कि अपनी पहचान भी खो दी।  यह पूछे जाने पर कि क्या नेशनल कांफ्रेंस के तीनों लोकसभा सांसद केंद्र के इस कदम का विरोध में इस्तीफा देंगे। उन्होंने कह, इसका फैसला पार्टी नेतृत्व को लेना है जो फिलहाल नजरबंद हैं।

एक अन्य सांसद रिटायर्ड जस्टिस हसनैन मसूदी ने कहा कि घाटी के हालात बिल्कुल सामान्य नहीं हैं। किसी तरह की कारोबारी गतिविधियां नहीं हो रही हैं। 370 हटाने के बाद अब जम्मू में डोमिसाइल रूल और लद्दाख से भी ट्राइबल कानूनों के दायरे में लाने की मांग उठने लगी है। पाबंदियां हटने के बाद केंद्र को अहसास होगा कि उन्होंने यह क्या किया।