तीन तलाक: CM नीतीश ने यूं दिया PM मोदी का साथ !

तो क्या JDU-BJP के बीच अंदरुनी तकरार की खबरें निराधार हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि लंबे समय से राज्यसभा में अटका तीन तलाक बिल मंगलवार को पास हो गया. बिल के समर्थन में 99 तो विरोध में 84 वोट पड़े. इसके पास होने में कई क्षेत्रीय दलों ने बड़ी भूमिका निभाई है जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) भी शामिल रही है.

CM नीतीश के निर्देश पर JDU का बायकॉट
दरअसल JDU के राज्यसभा सांसदों के बिल के खिलाफ मतदान से यह बिल पास करने से मुश्किल स्थिति आ सकती थी. लेकिन, CM  नीतीश कुमार के निर्देश पर ही पार्टी के सभी सांसदों ने खिलाफ में वोटिंग न कर सदन का बायकॉट कर दिया. जाहिर है इससे बिल के राज्यसभा में पारित होने का रास्ता भी आसान हो गया.

बहुमत होते हुए भी हारा विपक्ष

बता दें कि राज्यसभा में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के पास करीब 99 सीट है और 99 वोट ही तीन तलाक बिल के पक्ष में डाले गए. वहीं, कांग्रेस समेत बिल का विरोध करने वाले दलों के सदस्यों की संख्या 108 थी. लेकिन इनमें से JDU के 6 सदस्यों समेत कई दलों ने सदन से वॉक आउट कर दिया जिसकी वजह से बिल पास हो गया.

राजनीति में मैनेजमेंट का सिद्धांत लागू
वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार की मानें तो किसी जमाने में बायकॉट को सही संदर्भों में देखें तो यह विरोध का तरीका ही था, लेकिन आज की राजनीति में बायकॉट का मतलब समर्थन ही होता है. दरअसल पूरी राजनीति अब मैनेजमेंट के सिद्धांतों पर चल पड़ी है और जेडीयू का बायकॉट बीजेपी के उसी प्रबंधन का नतीजा रही है.

दो विकल्प खुले रखते हैं नीतीश कुमार
हालांकि प्रेम कुमार यह भी कहते हैं कि जेडीयू अगर विरोध में मत भी डालती तो भी कम अंतर से ही सही, लेकिन बिल पास हो जाता. लेकिन, तब यह लगता कि वाकई नीतीश कुमार ने मुसलमानों के हित में कुछ किया है.