बिहार: सुपौल के 23 हजार बच्चे बिना पढ़े देंगे मैट्रिक की परीक्षा, बेपरवाह बनी रही विद्यालय प्रबंध समिति
कोरोना महामारी ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया है, लेकिन शिक्षा व्यवस्था सबसे अधिक प्रभावित हुई है, ना केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में।
मार्च से ही सभी तरह के शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, संक्रमण के कारण 1 से कक्षा 9 तक के बच्चों का वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा नहीं हो पाया है।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक परीक्षा आयोजित करने का फरमान फरवरी माह में जारी कर दिया है, वाले बच्चों की चिता बढ़ गई है।
शैक्षणिक सत्र 2020 में सुपौल जिले के करीब 23 हजार बच्चे मैट्रिक परीक्षा में सम्मिलित होंगे, बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से पढाई रास नहीं आई।
बच्चों के पढ़ाई की दिशा में विद्यालय प्रबंध समिति बेपरवाह बनी रही, शिक्षकों ने यह जानना भी सही नहीं समझा कि कितने बच्चों को ऑनलाइन माध्यम में दिक्कत हो रही, सिलेबस भी पूरा नहीं हुआ।