भारत की गिरती अर्थव्यवस्था पर मनमोहन सिंह ने जताई चिंता, बोले- मिसमैनेजमेंट का नतीजा है मंदी

आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। जीडीपी में तेज गिरावट को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था पर चिंता व्यक्त की और मोदी सरकार पर निशाना साधा। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज अर्थव्यवस्था की हालत बहुत चिंताजनक है। पिछली तिमाही में विकास दर 5 फीसदी यह बताता है कि अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन चल रहा है। भारत में बहुत तेज गति से बढ़ने की क्षमता है लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंधन का ही यह मंदी का परिणाम है।
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बता दें कि देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत रह गयी। यह पिछले सात साल का न्यूनतम स्तर है। विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि उत्पादन की सुस्ती से जीडीपी वृद्धि में यह गिरावट आई है। इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 की अप्रैल- जून अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि दर सबसे निचले स्तर 4.9 प्रतिशत पर रही थी। एक साल पहले 2018-19 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर आठ प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी। जबकि इससे पिछली तिमाही की यदि बात की जाये तो जनवरी से मार्च 2019 की तिमाही में वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी। 
भारतीय रिजर्व बैंक ने जून में हुई मौद्रिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया था। इसके साथ ही केन्द्रीय बैंक ने कुल मांग बढ़ाकर वृद्धि चिंताओं से निपटने पर जोर दिया था। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि दर के 5.8 प्रतिशत से 6.6 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 7.3 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान जताया है। वर्ष 2019 की अप्रैल-जून अवधि में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रही है जो पिछले 27 साल में सबसे कम रही। 

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